रविवार, 13 नवंबर 2016

उत्तराखंड गीत

हे  भाल जम्बूद्वीप का ,केदार कांठों को चमन
जीं भूमि का कण कण कदी माँ गंग धारा आचमन
पावन हिमालय श्रृंखला शीतल पवन करदी गमन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन  सत सत नमन ।।

भागीरथी यमुना अलकनंदा भिलंगना कलरवं
बद्रीश जय जगदीश जय काशी पती विश्वेश्वरं
चार धामों मा बिराज्यां चार वेदों का रतन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन  सत सत नमन ।।

जय हिमालय वासिनी नंदा भवानी अम्बिका
चंद्रबदनी कालिका भुवनेश्वरी माँ ज्वालपा
मातु सुरकंडा सबी का डांडयूं कांठयूं मा भवन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन  सत सत नमन ।।

थान दयबतों का बिराज्यां पंच नामी देवता
वीर नरसिंग भैरु बाबा , हे रथ्यों राख्या कृपा
दैणा रै हे नागराजा द्वारिका वासी किसन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन  सत सत नमन ।।

फूल कौंला बाँज ढाली डांन्ड्युं मा हंसदू बुरांस
घूर घूगूति घुरान्दी , मन हरी जांदू हिलांस
कुलै दयोदार खड़ा जन राम जी सीता लखन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन  सत सत नमन ।।

मनोज नौटियाल