हे भाल जम्बूद्वीप का ,केदार कांठों को चमन
जीं भूमि का कण कण कदी माँ गंग धारा आचमन
पावन हिमालय श्रृंखला शीतल पवन करदी गमन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन सत सत नमन ।।
भागीरथी यमुना अलकनंदा भिलंगना कलरवं
बद्रीश जय जगदीश जय काशी पती विश्वेश्वरं
चार धामों मा बिराज्यां चार वेदों का रतन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन सत सत नमन ।।
जय हिमालय वासिनी नंदा भवानी अम्बिका
चंद्रबदनी कालिका भुवनेश्वरी माँ ज्वालपा
मातु सुरकंडा सबी का डांडयूं कांठयूं मा भवन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन सत सत नमन ।।
थान दयबतों का बिराज्यां पंच नामी देवता
वीर नरसिंग भैरु बाबा , हे रथ्यों राख्या कृपा
दैणा रै हे नागराजा द्वारिका वासी किसन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन सत सत नमन ।।
फूल कौंला बाँज ढाली डांन्ड्युं मा हंसदू बुरांस
घूर घूगूति घुरान्दी , मन हरी जांदू हिलांस
कुलै दयोदार खड़ा जन राम जी सीता लखन
जुगराज उत्तराखंड माँ , सत सत नमन सत सत नमन ।।
मनोज नौटियाल