
हम बात बदलते थे इस पर
तुम प्यार बदलते थे अक्सर
हम प्यार जताते थे अक्सर
ये बात समझते थे हम भी
ये बात समझते थे तुम भी
हम वफ़ा जताते थे तुम पर
तुम वफ़ा बदलते थे अक्सर
जब याद रहा न कुछ तुमको
जब भूल गए तुम भी हमको
हम याद करें फिर क्यूँ तुमको
तुम हमें भुलाते थे हर पल
जब दिल ही दिल को तोडेगा
फिर कैसे कल मै सोचूंगा
तुम समझ न पाए थे बेहतर
हम समझ के भी बोले बस कर
तुम रूप योवना की रानी
हम रहे पुजारी गुण गानी
तुम सुंदरता की मूरत थी
हम इंसा थे सबसे बेहतर
कल तुमको भी ये भाएगा
जब गीत मिलन के गायेगा
तब बोलोगी तुम भी छुप कर
तुम आ जाओ मेरे बनकर ........मनोज ....
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