बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

अभी अभी चलना सीखा हूँ

अभी अभी  चलना सीखा हूँ 
तुतला कर कहना सीखा  हूँ
अंजलि भर बूदों का पानी 
अभी अभी बहना सीखा हूँ
अभी अभी  चलना सीखा हूँ 


वात्सल्य का प्यासा हूँ 
नट खट की परिभाषा हूँ 
शोभा हूँ अपने आँगन की 
पौधा हूँ बढ़ना सीखा हूँ 
अभी अभी  चलना सीखा हूँ 


देखा देखी करता हूँ 
आवाजों से भी डरता हूँ 
भाव मेरे गंगा से निर्मल 
निस्वार्थ भाव मिलना सीखा हूँ 
अभी अभी  चलना सीखा हूँ .......manoj

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