प्रिय Kailashi Nautiyalजन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं जानेमन ......सुबह सुबह wish करना तो भूल गया 🤣🤣😍😍😍लेकिन ये सुबह का पहला तोहफा तुमको .......
जन्मदिन पर चूँम लूँ आ  ,नर्म हाथों को तुम्हारे 
अर्थ मेरी कामनाओं को मिला जिनकी छुवन से ।।
सोचता हूँ एक पत्थर था कभी , मैं ठोकरों का 
पूज कर  जिसको किया था प्रेम से तुमने शिवालय
डगमगाते रास्तों पर , साथ मेरे तब चली तुम 
लड़खाते पैर मेरे ,      खोजने निकले हिमालय ।।
साथ चलने के वचन , सातों निभाये मीत तुमने 
धन्य जीवन कर दिया , अपने मधुरतम आगमन से ।।
चाहती है आज मेरी लेखनी , तुमको लिखे बस 
और मेरी कल्पनाएं , आज बस तुमको सजाएं
रस भरी अनुभूतियाँ भी आज न्योछावर तुम्ही पर 
काव्य के श्रृंगार की सब वार दूँ  सारी विधाएं ।।
चाहता हूँ , पुण्य सारे ,  धर तुम्हारे शीश पर मैं 
प्रीत से अभिषेख कर दूं , आंसुओं की आचमन से ।।
देखती  हैं आज गौरव से ,समय की चाल तुमको 
साथ चलने का हुनर , वो सीखना चाहे तुम्ही से 
पूछते हैं , धर्म सारे , धर्म का   आधार तुमसे 
पथ सही कर्तव्य का वे  , देखना चाहें तुम्ही से ।।
आस्था के फूल से , विश्वाश की थाली सजाकर 
देव दें आशीष तुमको इस धरा पर , उस गगन से ।।
आज से ग्यारह बरस पहले , हिमालय से उतर कर 
पालकी में, बन दुल्हन , कैलाश आया पास मेरा 
पाँव चौखट पर पड़े थे ,शुभ मेरे घर आँगने में 
और दे डाला मुझे , खोया हुआ विश्वाश मेरा ।।
आज दो युवराज , पाकर  कृष्ण उद्धव पास अपने 
पूर्णता भी ,पूर्ण हो कर ,पूर्ण है अब तृप्त मन से ।।
जन्मदिन पर चूँम लूँ आ  ,नर्म हाथों को तुम्हारे 
अर्थ मेरी कामनाओं को मिला जिनकी छुवन से ।।
💖💖💖💖💖💖मानोज💖💖💖💖💖💖💖💖