ख़ास कुछ तो आज करवा चौथ का त्यौहार होगा
चाँद तुझको आज छत पर चाँद का दीदार होगा ।
पूछ लेना तुम सभी नक्षत्र पिंडों की हदों से
पूछ लेना आज अपने आसमाँ की सरहदों से
चार वेदों की ऋचाओं से , पुराणों के पदों से
पूछ लेना देवताओं की सुरा के मयकदों से
तीन लोकों से अलौकिक , रूप औ श्रृंगार होगा
चाँद तुझको आज छत पर चाँद का दीदार होगा ।।
सुर्ख मेहँदी नर्म हाथों में लगाईं दामिनी ने
जुल्फ ये काली घटाओं सी सजाई यामिनी ने
खनखनाती चूड़ियों की धुन बनाई रागिनी ने
कामनाएं काम की , साकार की कामायनी ने
आज छत पर कल्पनाओं का सकल संसार होगा
चाँद तुझको आज छत पर चाँद का दीदार होगा ।।
प्रीत की इस रीत की हर छत गवाही आज देगी
आस्था के थाल में , विश्वास की ज्योती जलेगी
संग साजन के सजी दुल्हन बनी गोरी चलेगी
देख कर बरात घर घर , रात भी धीरे ढलेगी
आज पावन प्रार्थनाओं का मधुर गुंजार होगा
चाँद तुझको आज छत पर चाँद का दीदार होगा ।।
मनोज नौटियाल , 19- 10- 2016
सुन्दर
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