शनिवार, 5 जुलाई 2025

भग मालिनी तंत्र .... 224 अक्षरों का दुर्लभ और अत्यंत तीव्र प्रभावी मंत्र रहस्य

भाग मालिनी तंत्र को हम कामाख्या तंत्र और ललिता तंत्र के नाम से भी जान सकते हैं और वहां यह देवी प्रतिष्ठित हैं। देवी कामाख्या के तंत्रों में अधिकतर हम योनि पूजन शक्तियों के रूप में देवी की आराधना करते हैं।  देवी की योनि का भाग यहां पर गिरा था। इसे योनि शिलाखंड भी कहते हैं जो शक्ति के रूप में पूजित है। यहां एक छोटा सा जल स्त्रोत है। इसकी वजह से यह स्थान सदैव नम बना रहता है। इसमें विशेष गुण भी हैं। इसके सेवन से कई रोग भी दूर होते हैं और कामाख्या में अंबुबाची नाम का मेला लगता है। देवी कामाख्या के रजस्वला होने के कारण ब्रह्मपुत्र का जल लाल रंग का हो जाता है। इसी अवसर पर दुनिया के कोने कोने से तांत्रिक यहां पहुंचते हैं और तंत्र साधना करते हैं। तांत्रिकों का महाकुंभ भी इसे कहा जाता है? असम में कामाख्या देवी मां की साधना को योनि मार्ग से जोड़ा गया क्योंकि यहां पर देवी की योनि गिरी थी। इस रहस्य को अभी तक लोग समझ नहीं पाए हैं और साधनाओ के क्षेत्र में इसे गलत तरीके से देखा जाता है। वास्तव में यह माना जाता है कि जिस प्रकार योनि के माध्यम से ही कोई भी स्त्री नए जीवन को संसार में लेकर के आती है, इसलिए योनि पूजनीय है। इसी तरह ब्रह्मांड योनि ब्रह्मांड पिंड को संसार में और जगत में लेकर आती है। इसीलिए सारा संसार जन्म लेता है। यह देवी की योनी है। इस प्रकार इस चीज को ऐसे समझिये हर ग्रह नक्षत्र पिंड तारा गोल क्यों बनता है। आखिर वह पिंड के आकार में ही क्यों है क्योंकि यह सभी देवी की मानसिक योनि से उत्पन्न हुआ है। इसी को जब तंत्र में साधना के द्वारा सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है तो ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है। रक्त वर्ण वाली वस्त्र धारण करने वाली देवी माता कामाख्या और उनके अलग अलग खंडित स्वरूप अलग अलग तरीके से पूजित होते हैं। उन्हीं में एक देवी है भग मालिनी देवी भग मालिनी अपनी शक्ति में अत्यंत ही उत्तम है औरभग यानि योनि ही जिसे कहा जाता है, उसकी नित्य शक्ति मानी जाती है। यह योनि में नित्या स्वरूप में स्थित है और प्राचीन भैरवी चक्र की योनि शक्ति के नाम से इन्हें जाना जाता है। श्रीविद्या मुख्य कामाख्या तंत्र हो। दोनों ने देवी भाग मालिनी की साधना का वर्णन हमें देखने को मिलता है। यह देवी अत्यंत गोपनीय रहस्य से युक्त हैं और इन्हें भी आदि शक्ति के रूप में ही पूजा जाता है और यह सारे के सारे स्वरूप माता कामाख्या से संबंधित माने जाते हैं क्योंकि देवी योनि से संबंधित इन रहस्यों को माना गया है। इन देवी का जो मंत्र है, वह काफी बड़ा है। 

ऐं भग भुगे ऐं भगिनि ऐं भगोदरी ऐं भग क्लिन्ने ऐं भगावहे ऐं भग गुह्ये ऐं भग योने ऐं भगनिपातिनि ऐं भग सवेवदि ऐं भग वशंकरी ऐं भगरूपे ऐं भग नित्ये ऐं भग क्लिन्ने ऐं भगस्वरूपे सवेभगानि. में ह्यानय ऐं भगक्लिन्ने द्रवे भगं क्लेदय भगं द्रावय भगामोघे भगविच्चे भगं च्छोभय सवेसत्वान भगेश्वरी ऐं भग ब्लूं ऐं भग जं ऐं भग मे ऐं भग व्लूं ऐं भग मो भग क्लिन्ने सवाेनि भगानि में ऐं भग व्लूं ऐं भग हें भग क्लिन्ने सवाेनि भगानि में वशमानये भग ऐं भग ब्लूं ऐं भग हें ऐं भग ब्लूं ऐं भग हें ऐं द्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः भग हर ब्लें भगमालिन्यै

 यह 224 अक्षर का मंत्र कहलाता है और इनकी साधना विशेष शक्ति प्रदान करती खासतौर से अगर किसी को वशीकरण की शक्ति प्राप्त करनी है। इसके लिए यह अद्भुत साधना मानी जाती है। इनकी साधना सिद्ध करने वाले व्यक्ति के पास वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है। यहां तक अगर यह मंत्र पूरी तरह सिद्ध हो जाता है तो संसार में ऐसी कोई स्त्री नहीं है जिसको कोई साधक अपने वश में ना कर सके। जो भी स्त्री इस मंत्र को सिद्ध कर लेती है, वह किसी भी पुरुष को आकर्षित कर सकती हैं। चाहे वह कितना भी सिद्धवान व्यक्ति क्यों ना हो, इसके सिद्ध हो जाने पर काम शक्ति, तेज शक्ति, दृष्टिपात शक्ति तेज शक्ति भी आप समझ गए होंगे। काम शक्ति भी आप समझते हैं लेकिन दृष्टिपात शक्ति का मतलब होता है जिस पर भी हम नजर डालते हैं। उसको अपने वश में करने की शक्ति दूसरी अनेक शक्तियों की प्राप्ति के अतिरिक्त इससे आयु की वृद्धि भी होती है। यह साधनाए रात्रि के समय में एकांत में योनि के सामने करनी चाहिए। योनि के बहुत सारे स्वरूप होते हैं एक। आप यह मान सकते हैं। जीवित योनि, दूसरी है। आपकी तंत्रात्मक योनि यानी आपने किसी यंत्र पर योनि का चिन्ह अंकित किया हो और तीसरी होती है। पृथ्वी पर बनाई गई विशालकाय योनि तो तीनों के सामने ही इस तरह की साधनाएं की जा सकती है। इनका जो स्वरूप है वह इस प्रकार है। खूनी खूनी लाल रंग की जगमगाती हुई सर्वांग सुंदरी देवी जो लाल रंग के वस्त्र सोने के राजसी वस्त्रों से सुसज्जित कमल के फूल पर बैठी हुई जिनके तीन नेत्र हैं, 6 भुजाएं हैं दाये नीचे ऊपर पुष्प वाण है। अंकुश कमल है बाये में कूलहर पाश और सोने का धनुष है। गुप्त गुरु निर्देश में यह योनि शक्ति हैं।

यंत्र भी योनि यंत्र हैं और इनकी साधना भी योनि साधना कहलाती है। इस साधना को करने वाला साधक सर्वोच्च वशीकरण की शक्ति प्राप्त करता है। संसार में हर स्त्री और पुरुष को वश में करने की सामर्थ है। उसके अंदर आ जाती है। यहां मैंने सिर्फ आपको मंत्र के विषय में जानकारी दी है और इसे कैसे करना है, उसकी जानकारी प्रदान की है, लेकिन इसकी पूर्ण सिद्धि के लिए गुरु से ही इस मंत्र की। मूल विधि और सामग्री इत्यादि प्राप्त करके ही इसकी साधना करनी चाहिए क्योंकि यह बहुत ही प्रचंड साधनाएं हैं और इन्हें आप मजाक में नहीं ले सकते हैं। इसमें जो शक्तियां उत्पन्न होती हैं, वह विशेष कृपा करने की क्षमता रखती हैं और असंभव कार्य को संभव बनाने की शक्ति इन साधना के माध्यम से प्रत्येक स्त्री और पुरुष को हो जाती है। स्त्री के लिए यह सौभाग्य और सुंदरता, काम शक्ति, तेज, दृष्टिपात, शक्ति इत्यादि के साथ आयु की वृद्धि देने वाली मानी जाती है और उसके लिए यह हर प्रकार से स्त्री को अपने वश में करने की शक्ति प्रदान करती है।

जय महाकालकाळी 
तंत्र अचार्य , महाकालकाळी उपासक् 
पंडित मनोज कुमार नोटियाल 
पिंजोर , पंचकुला हरियाणा 
मोबाइल-9041032215 

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