तू खुश रहे हमेशा दिल से मेरी दुआ है
हम तुम बुरे नहीं हैं ये वक्त ही बुरा है ||
ये प्यार भी अजब है किसने इसे इसे बनाया
जिसने किया हमेशा रोता हुआ मिला है ||
पत्थर भी बोलते हैं , कारीगरी अगर हो
इंसानियत भुलाकर इंसान बुत बना है ||
कितना सरल तरीका सम्बन्ध तोड़ने का
बस फोन का उन्होंने नंबर बदल दिया है ||
सब दोस्त पूछते हैं ये हाल क्यूँ बनाया
उनको खबर नहीं है ये प्यार का नशा है ||
दुनिया मुझे सता कर सौ जख्म भी अगर दे
कुछ भी नहीं बिगड़ता माँ- बाप की दुआ है ||
मंदिर नहीं गया मै -ये सोचकर कि मेरे
भगवान् का बसेरा कण -कण बसा हुआ है ||
माना नयाँ -नयाँ हूँ ईमान के शहर में
क्या सोच कर हमारी कीमत लगा रहा है ||
नफरत जहाँ पली है , हस्ती वही मिटी है
बस प्यार ही जहां में रहता हरा भरा है ||..मनोज
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