सत्य लिखूं तो संविधान की लोग दुहाई देते मुझको
आम आदमी हूँ चुप हो जा शब्द सुनाई देते मुझको
ऐसे जीने से बेहतर है कलम छोड़ हतियार उठायें
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।
अपने भाषण में शोषण का सतरंगी श्रृंगार सजाकर
वोट बनाये हैं दुष्टों ने आरक्षण के उदगार सुनाकर
मजहब का सरहद पर देखो कैसा नंगा नाच नचायें
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।
दिल्ली में बिल्ली पिंजरे में यो यो हन्नी सिंह अलापे
बस के अन्दर दुष्ट दुशाशन निर्भय अपनीहवश बुझाये
न्याय मांगती जनता पर ये महगाई का लेप लगाएं
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।,,,,,,,,,,मनोज
आम आदमी हूँ चुप हो जा शब्द सुनाई देते मुझको
ऐसे जीने से बेहतर है कलम छोड़ हतियार उठायें
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।
अपने भाषण में शोषण का सतरंगी श्रृंगार सजाकर
वोट बनाये हैं दुष्टों ने आरक्षण के उदगार सुनाकर
मजहब का सरहद पर देखो कैसा नंगा नाच नचायें
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।
दिल्ली में बिल्ली पिंजरे में यो यो हन्नी सिंह अलापे
बस के अन्दर दुष्ट दुशाशन निर्भय अपनीहवश बुझाये
न्याय मांगती जनता पर ये महगाई का लेप लगाएं
संविधान की पैदाइश इन नेताओं को मार भगाएं ।।,,,,,,,,,,मनोज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें