पिछले जन्म दिवस पर तुमने ,तोहफा मुझको ख़ास दिया
तुम जीवन भर साथ रहोगी ,मुझको ये विश्वाश दिया।।
जीवन के इस एक बरस में ,वादे टूटे - टूटी कसमें
करवट आज समय की देखो,ना तेरे ना मेरे वश में ।।
आज महोत्सव मातम हो कर , साथ खड़ा है बीते कल के
तुमसे मिलने पर जिस कल को , मैंने ही बनवास दिया ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने ................
एक बार तो खोलो तुम भी बीती यादों का तहखाना
गलतफहमियों का बिखरा है सब साजो सामान पुराना ।।
आज समर्पण की चौखट पर ,ये सीलन जो देख रही हो
बरस रहा वो बादल जिसने छाया का आभास दिया ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने .................
याद करो वो रातें जिनमे जागे, ना मैं ना तुम सोयी
कैसे भूल गई तुम कहती , नाता है पहले से कोई
उन रातों बातों की मैंने मानस पर जो बिम्ब गढ़े हैं
आज मुझे कहते हैं मैंने ही उनको संन्यास दिया ।।
पिछले जन्म दिवस पर तुमने ...................
पिछले जन्म दिवस पर तुमने ,तोहफा मुझको ख़ास दिया
तुम जीवन भर साथ रहोगी ,मुझको ये विश्वाश दिया ।।
मनोज नौटियाल
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