बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

हे जगदम्बा



हे जगदम्बा केहि विधि अम्बा वर्णन तोर बखानू ?
मै मति हीना भक्ति विहीना तोर मरम नहि जानू ||

ओजित भाला नयन दयाला नवनिधि की हो दाता
सिंह वाहिनी -ज्ञान दायिनी ज्ञान ज्योति दे माता ||

महिषासुर मर्दिनी भक्ति विवर्धिनि दान अभय दीजो
नरमुंड विराजे खप्पर साजे माँ मन्त्र सिद्ध कीजो ||

शमशान वासिनी काल हारिणी रूप भयंकर साजे
किल किलकारे भर हुंकारे दनाव खल दल भाजे ||

कर मधु पाना , रक्त स्नाना मन का मान चढाऊँ
स्तुति गाऊं तुम्हे मनाऊँ जय जय काली मै ध्याऊँ ||

अब माँ वर दे सब दुःख हर दे अंतर तम को दूर करो
हे शक्ति स्वरूपा मरम अनूपा मातु मेरे सब कष्ट हरो ||

हे शिव संगिनि तंत्र विरंचिनि दास मनोज ये विनय करे
तुमको ध्याऊँ निकट मै पाऊँ सांस सांस माँ को सिमरे ||.......................... मनोज
 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें