बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

शिव आराधना

श्री भाल चन्द्र विराज गंग प्रभाव गल हरि दर्शनम
भूतेस्वरम पशुपति शिवम कालेश्वरम गंगा धरम||
कैलाश वाशी शेखरं डम- डम डमक तांडव प्रियम
जय जय शंघारक पशुपतिम जयसर्व विघ्न विनाशकं ||

जय नीलकंठ शुधाकरम-- नंदीश्वरम मृत्युन्जयम
बाघम्बरम प्रिय आसनम शिवा प्रियम रमणमजयं
जय भक्त वत्सल त्रियंबकम तंत्र मन्त्रम घोषितम
जय जय शंघारक पशुपतिम जयसर्व विघ्न विनाशकं ||

श्रृंगार भष्म बघाम्बरम त्रिनेत्र भृकुटी शोभितम
नंदीश्वरम वाहन प्रियम भूतादि प्रेतम वंदितं ||
कर पान विजया डोलितम तांडव प्रियम योगीश्वरं ||
जय जय शंघारक पशुपतिम जयसर्व विघ्न विनाशकं ||

नित ओम अक्षर स्थितम चहुँ वेद सार सुशोभितं
ज्योतिर्मयं लिंगम बहुम गोचर अगोचर भाषितम
योगविधि प्रतिपादितम नित्यम चराचर वर्णितम
जय जय शंघारक पशुपतिम जयसर्व विघ्न विनाशकं ||

ध्यायेत नित्यं शिव शिवम प्रपूजितम लिंगम गृहम
यदि बेल पत्रम अर्पितम दुग्धं जलं अभिशेखतम
देत मनवांछित फलं शिव सर्व पाप प्रमुच्य्तम
जय जय शंघारक पशुपतिम जयसर्व विघ्न विनाशकं ||.....मनोज

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