गम से खुशियाँ उधार लेते हैं ||
उसने समझा नहीं गलत लेकिन
फिर भी खुद को सुधार लेते हैं ||
उनकी नफरत कि क्या वजह होगी
जबकि हम सिर्फ प्यार लेते हैं ||
हर किसी बात के गलत मतलब
हम तो फिर भी विचार लेते हैं ||
जब कोई देख ले नजर भर के
अपने दिल में उतार लेते हैं ||
उसने अब तक नहीं सुना मुझको
फिर भी उसको पुकार लेते हैं ||
मेरी किस्मत में बस हकारत है (हकारत - नफरत )
फिर भी दिल आज हार लेते हैं ||............................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें