हिंदू गीता बांचता मुस्लिम पढ़े कुरान
धर्मों में भटका हुआ कलयुग में इंसान ||
एक सत्य है ,एक ही मूल सभी का जान
रक्त सभी का रक्त है फिर क्यूँ ये संग्राम ||
घर घर में है बेटियां , हर आंगन का फूल
मिटा इन्हें मिट जाएगा ये मत बंदे भूल ||
काशी में भी शान्ति हैं काबा में भी चैन
कैसे तू बरसायेगा बिन बादल की रैन ||
धर्म सेतु है कर्म का , सत्य कहीं है और
....धर्म अंध हो याद रख ना पायेगा ठौर||
जितना खुद को भूल कर बेचोगे ईमान
जन्म मौत का हो गया कहते वेद पुराण ||
खुद के घर को देख कर देखो और निवास
सब घर में है शांति का परचम और प्रकाश ||
घर मंदिर बन जाएगा कहत मनोज सुझाय
........कट्टरता के धर्म को दीजो आग लगाय ||...................मनोज
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