बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया


तेरी बांकी नजर का असर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया
प्रेम मंदिर पुजारन का घर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया //

सुध नहीं अब कोई , ना कोई साज है
गीत भी अब तू ही तू ही आवाज है
...... तू ही श्रृंगार तू ही संवर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया //

प्रेम धुन बांसुरी जब बजाये कहीं
रास के भाव मन में जगाए कहीं
नृत्य ही नृत्य शाम-ओ -शहर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया //

मन में तेरी रटन बस तू ही है भजन
....कर्म भी अब तू ही धर्म तेरे वचन
दुनिया दारी से मै बेखबर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया //

प्रेम स्वीकार कर भव से अब पार कर
मन में एक तू बसा मुझसे ही प्यार कर
.........मोह संसार का बेअसर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया //

तू अगर है खुदा तो मै तुझसे जुड़ा
राह पर मै तेरी हर कदम पर पड़ा
तेरे हर अक्स का मुख़्तसर हो गया
मेरा कान्हा नजर हम नजर हो गया ........ मनोज

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