जो लिखना है वो लिखने दे
जो दिखता है वो दिखने दे ||
मुहोबत्त बेवफा तेरी
मुझे अब स्वाद चखने दे ||
कहा तुमने मुझे पागल
तुम्हे लगता तो बकने दे ||
तुम्हारी बेवफाई का
मुझे सच आज रखने दे ||
तुम्हारी याद जालिम हैं
मुझे ये जुर्म सहने दे ||
अकेला मै अकेली तुम
रहना है तो रहने दे ||
तेरे आंसू मेरे आंसू
बहते हैं तो बहने दे ||
ये कैसा प्यार था हम में
मुझे कहना है कहने दे ||
जुदाई है जहर दिल का
मुझे तू आज मरने दे ||
जिए तू जिंदगी अपनी
दुआ मेरी तू लगने दे ||
तुम्हे गर जिंदगी दे दूं
खुदाया आज मरने दे ||
गुनाह -ए-इश्क करना है
मुझे इक बार करने दे ||...........मनोज
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति !
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